"होलिकोत्सव,"
होलिकोत्सव सिर्फ रंगों का पर्व नहीं है ,
जीवन में सारे रंगों को सज़ा ने का शमा है,
जीवन के अंधकार को मिटाकर,
कोना कोना उजालों से भरने का पावन पर्व है,
जीवन में हुई गलतियों और दोषों को
सुधार करने का बढ़िया अवसर है,
यह हंसी खुशी का फूहार,
मौज मस्ती के फूलहार,
एक दूसरे के गम को
बांटने का त्योहार,
सब को स्वीकार
करने का व्यवहार,
सबके लिए दुआएं
मांगने का अवसर,
आसुरी भावनाओं को
दहन करने का जौहार,
देवी भावनाओं को प्रगट
करने की धरोहर,
ईश्वर के प्रति श्रद्धा आस्था
विश्वास की जीत का
पावन अवसर,
राग द्वेष आसुरी वृत्तियों की
आहुति देकर,
अग्नि में मन की शुद्धि करने का
हर तरह से दैवी,
शक्ति को उदय करने का
जीवन के जंग में
विजय के रंग उमंग भरने का
अद्भुत पारंपरिक अलौकिक
सामाजिक वैज्ञानिक धनधान्य से
परिपूर्ण रंगों से सुशोभित फूलों से पल्लवित उत्साह से अंकुरित समृद्ध होने का अनोखा सांस्कृतिक त्यौहार है।
।।स्वरचित, डॉ दमयंती भट्ट।।