हृदय क्रंदन
कैसा कैसा हाय रे पैसा
तिगनी का नाच नचावे पैसा
कैसा कैसा हाय रे पैसा
पैसा हो तो सब अपने है
ना हो पास तो बस सपने है ||
दोष खोट सब ढांके पैसा
इज्जत अपनी आंके पैसा
पैसे बिन सब सुनी खुशियाँ
पास हो पैसा दुनी खुशियाँ||
खूब कमाया जमाया पैसा
मिल गया माटी रह गया पैसा
खर्च किया जीवन को ऐसा
साथ गया ना फिर भी पैसा ||
रिश्ते नाते भुलावे पैसा
दोस्त दुश्मन बनावे पैसा
चैन, सुकूं भुलावे पैसा
प्राण कभी ना लावे पैसा ||
पैसे की है अजब ही माया
कोई ना इससे कभी बच पाया
तिगनी का नाच नचावे पैसा
कैसा कैसा हाय रे पैसा
ह्रदय क्रंदन
🙏