प्रसंग संस्था का 27 वार्षिक समारोह में देश के 101 कवियों ने भाग लिया उस कार्यक्रम की एक फोटो
नए वर्ष में खुशहाली का......
नए वर्ष में खुशहाली का,
मंगलमय संदेश मिले।
जन गण मन को स्वस्थ निरोगी,
सुखदाई परिवेश मिले।
जीवन सबका जगमग दमके,
सुख की बदली ही बरसे।
छल-छद्मों की गिरें दिवालें,
नेह प्रेम चहुँ दिशि सरसे।
मानव पर यदि तम घिर जाए,
कभी न उसको क्लेश मिले ।
नये वर्ष में सुख यश वैभव,
नित नूतन संगीत बजे।
नई सर्जना नई चेतना,
मधुर-मधुर नवगीत सजे।
मिले सभी को तरुवर छाया,
निष्कंटक पथ कानन हो।
अन्तरघट में बजे बाँसुरी,
मन-भावन वृंदावन हो।
द्वार तुम्हारे चलकर पहुँचें,
कृष्ण-सखा योगेश मिले।
मिले सुजन-सान्निध्य सभी को,
कलयुग में द्वापर युग हो।
सत्य न्याय का शंखनाद हो,
राम राज्य-सा सतयुग हो ।
हम विकास के पथ पर सबको,
लेकर साथ सदा बढ़ते।
मित्र सुदामा बने अगर तो,
उनका भी मंगल करते।
भटके राही के चिंतन को,
यथा उचित निर्देश मिले।
शांति और सद्भाव शीलता,
सदियों से सबकी चाहत।
है वसुधा परिवार हमारा,
दीन दुखी का हो स्वागत।
गीता की अमरित वाणी को,
जग में फिर सम्मान मिले।
हो अखंड कण-कण भारत का,
विश्व गुरू का मान मिले।
मनोज कुमार शुक्ल " मनोज "
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