ये चाँदनी रात तेरी याद दिला रही है
ये तेरी यादे मेरी रूह को महका रही है।
कई राते गुजारी है मैने तेरी पहलू मे
उन यादो की बिजली फिर गिरा रही है।।
ये चाँदनी तेरी याद दिला रही है
कई यादो के मेले मे घुमे है हम इस सुर्ख सी चाँदनी मे।
कई बातो कई झडिया छिपी है
इन फैली रोशनी है।।
आज फिर वही रात याद आ रही है
जो मेरे दिल को तडपा रही है ।
ये चाँदनी रात तेरी याद दिला रही है
जो मुझे हर पल रूला रही है।।
मीरा सिंह
-Meera Singh