मैं और मेरे अह्सास
ये तुमने क्या कह दिया l
ये मैंने क्या सुन लिया ll
प्यार को छुपाये रखा l
छुपे रूस्तम हो पिया ll
बस एक बार नज़रे मिली l
आँखों से दिल लूट लिया ll
तुम्हें जी भर के देखने को l
आज तड़पे है मोरा जिया ll
मिलने का समय नहीं है l
ये तुमने क्या कर दिया ll
१५-२-२०२२ सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह