शीर्षक: नहीं
इस हसरतों वाले सँसार में
इंसान के हालात अच्छे नहीं
मुरादे इतनी बढ़ गई सँसार में
भगवान की भी हालत अच्छी नहीं
रिश्तों में अब कोई एतबार नहीं
प्रेम मे अब कोई पागल भी नहीं
मिजाज में अब कोई तस्वीर नहीं
जिंदगी में अब कोई हिस्सेदार नहीं
कौन है, कौन नहीं अब कोई फर्क नहीं
अर्थ की दुनिया में फुर्सत भी तो नहीं
जाने वाले तेरे कदमों के कोई निशाँ नहीं
शुकुन! अब कोई रोने वाला भी तो नहीं
तस्वीर दुनिया की में अब कोई रँग नहीं
किसी भी कहानी में अब कोई दम नहीं
आज की तारीख में कोई आश्वासन नहीं
"कमल" गौर कर, तुम भी तो कुछ नहीं
✍️ कमल भंसाली
-Kamal Bhansali