दिल तो बच्चा है
जिंदगी की भागदौड़ में,
जीवन जीना तो भूल ही गये।
जिम्मेदारी को निभाते-निभाते,
अपने लिए सोचना भी भूल ही गये।
इस व्यस्तता भरे जीवन में कुछ,
अपने लिए भी वक्त निकाल लेना है।
थोड़ा मस्ती और मजाक करके तो,
अपने दिल को भी बहला लेना है।
गुजरते वक्त और बढ़ती उम्र में तो,
जिम्मेदारियों ने ही घेर लिया।
दिल में एक बच्चा छुपा था,
उसको भी वक्त ने निचोड़ लिया।
आज बचपन की यादों को,
फिर से हमें याद करना है।
दिल में छुप गया जो बच्चा है,
उसको भी अब जिंदा रखना है।
बच्चों के संग बच्चे बनकर,
हँसना और खिलखिलाना है।
जीवन की इस जद्दोजहद में,
दिल को बच्चा बना मुस्कुराना है।
किरन झा (मिश्री)
-किरन झा मिश्री