सिंह पर होकर सवार शेरा वाली मैया आ जा
अब आ जा धरा पर बसंत बहार के उत्सवों
की शुरुआत करती जा।
मां सिंह वाहिनी अब आ जा आ जा नव वर्ष पश्चात्
जग जगमग कर नवजीवन देती जा।
मां मातृभारती परिवार में सुख शांति बनी रहे यह
उपहार देती जा ।
मां दुर्गा भवानी अब तो आ जा दासी अनिता
तूझे बुलाये ।
तेरे चरणों में शीश नवाएं मां दुर्गा महारानी।
तेरे चरणों में अरदास लगाए माता रानी।
फल फूल और प्रसाद चढ़ाएं मां दुर्गा महारानी।
धूप-दीप और आरती करें मां दुर्गा भवानी।
तेरे चरणों में मंगल गीत गाएं मां दुर्गा महारानी।
नित नित तेरी आरती करें माता रानी।
तेरे भंडारे लगाएं मां दुर्गा महारानी।
तेरे जयकारे लगाएं मां दुर्गा भवानी।
खाली झोली लेकर आए हैं माता रानी।
झोली भर दे मां दुर्गा महारानी।
जय जय हे जय अष्ट भुजा धारिणी महिषासुर मर्दिनी
सिंहवाहिनी शेरावाली माता रानी।
अस्त्र शस्त्र ना चले बिना तेरे हुकुम के माता रानी।
तू ही अस्त्र शस्त्र धारिणी मां दुर्गा महारानी।
मधुकैटभ का घात किया महारानी ।
शत्रु भय हारिणी भवानी।
अभय वरदान दायिनी मां महारानी।
रक्त बीज विनाशिनी माता रानी।
कर कृपा मां दुर्गा महारानी कि तेरी आज्ञा के बिना
कोई भी न अस्त्र शस्त्र चला पाएं महारानी।
आज यही वरदान चाहिए मां भवानी।
धरा रक्त रंजित हो रही है।
बेबस बेटियां करुण क्रंदन कर रही है।
हे मां दुर्गा महारानी अब तू कर कृपा कि
द्रुपद सुता की रक्षा हो महारानी।
कितनी द्रुपद सुता तुझे पुकार रही है माता रानी।
बेटियों को बचाओ माता रानी।
हाहाकार मचा हुआ है।
महात्रास का शोर है।
अब विनती सुनो महारानी बेटियों के जीवन
सुरक्षित करो ।
धरा पर सुख शांति दो।
जग मंगल करो मां।
तेरी जय हो मां शेरावाली माता रानी।
कोटि कोटि प्रणाम मां महारानी।
यह रचना बिल्कुल काल्पनिक है इसका किसी भी तरह से कोई भी लेना देना नहीं है लेखक जिम्मेदार नहीं हैं। कोई भी आहत न हो यही प्रार्थना है।
-Anita Sinha