ऐसे तुम रूख करते हो जैसे बेरुखी ही लगती हो
जितना हम याद करें तुम भूल जाते हो
हर बात याद दिलाया करें ऐसा मिजाज़ रखते हो
दिल की आवाज़ भी सुनते हो फिर भी अनजान बनते हो
हमारी हर बात को दिल्लगी समझते हो
एक अजनबी बन जाते हो
हर रोज बदले बदले नज़र आते हो
हमारे दिल का हाल नहीं पूछते हो
हम शिकायत करते रहें sumi
इतना तुम इंतजार करते हो