*निष्फल,कविता,सारस्वत,प्रदर्शन, मकरंद*
1 निष्फल
निष्फल रहा प्रयास सब, नहीं सुधरते लोग।
सद्कर्मों से भटक कर, पाते दुख का भोग।।
2 कविता
कविता देती है सदा, नेक-नियत संदेश।
तुलसीदास कबीर ने, बदल दिया परिवेश।।
3 सारस्वत
ज्ञान तत्व जो बाँटता, फैलाता उजियार।
सारस्वत का देवता, हरता कलुष विचार।।
4 प्रदर्शन
लोग प्रदर्शन कर रहे, भूल गए कर्तव्य।
अधिकारों के लिए ही, चाह रहें हैं हव्य।।
5 मकरंद
फूलों के मकरंद पर, भौंरे लिखते छंद।
बागों में गुंजन करें, गाएँ नित वे बंद।।
मनोज कुमार शुक्ल " मनोज "
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