जीते जी भले ही किसी से,गिले-शिकवे हजार होंगे...
चलेगी पालकी सज-धज के,जिस दिन हमारी।
औकात देखेगी, तकल्लुफ-जिंदगी भी उसी दिन।
खुशियों के गीत होंगे,सब मन के मीत होंगे।
राहें गुलाब होंगी,महताब रोशन होंगे।
कांधे भी चार होंगे, संग सारे यार होंगे।।
#परेशान_ना_कर_जिंदगी
#रूठीज़िन्दगी
#मौतकाइंतज़ार
#सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Sorry by सनातनी_जितेंद्र मन : 111768495

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