दोहा - प्रभाती
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भोर सुहानी आ गई, आशा किरण के साथ।
नया कार्य करने चले ,थामे रखना हाथ।।
सुंदर सपने ले जगे, उदित मन में हो विश्वास।
नया सृजन करने चले, पूरी हो हर आस।।
ठण्डी ठण्डी ये हवा, चलती चारो ओर।
सूर्य किरण के साथ में, आई है ये भोर।।
-Uma Vaishnav