मुझे वक़्त के साथ रहने दो
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बहता पानी हूँ,
बहने दो..
मुझे वक़्त के साथ ही
रहने दो..
वक़्त के साथ मैं भी,
गुजर जाऊँगी..
जा कर फिर कभी,
नहीं आऊंगी...
मुझे अब तन्हा ही,
रहने दो...
मुझे वक्त के साथ ही,
रहने दो..
प्यार के वो दो शब्द,
जो तुमने,,
मुझ से अब तक
नहीं कहे..
अब उसे दिल में ही,
रहने दो...
मुझे वक्त के साथ ही,
रहने दो...
मैं वो धड़कन नहीं,
जो तेरे
दिल को धड़का सके,
मुझे बेजान ही अब ,
रहने दो,
मुझे वक्त के साथ ही,
रहने दो...
वादा करते हैं अब ,
ना सतायेगे...
जाकर लौट कर अब ,
ना आयेगे..
दिल का मुकाम खाली,
रहने दो..
मुझे वक़्त के साथ ही,
रहने दो...
.... उमा वैष्णव
मौलिक और स्वरचित