बचपन…
आँगनमें ख़ुशियाँ लहेराते
हम है बालक प्यारे प्यारे।
खेल कूद और जाने नाचन
माँकी गोद ही सबसे प्यारी।
लोग कहे हम पुष्प है लुभाने
ख़ुशियाँ देती मुस्कान हमारी।
बालक मेला चहकाती चिड़ियाँ
खो जाये सारे गमकी दुनिया।
बसा बालकमें प्रभु प्रेम पैग़ामा
बिना बैरका जग सुख धामा।
बालक जीवन ही अमृतका फल
अमर यादें है बचपनका खेला।
आओ मिलकर सँवारे विश्व बचपन
समय धारामें खो जाये ना मुस्कान।
रमेश पटेल(आकाशदीप)