दिनांक-१२/११/२०२१
विषय-वक
कोई कहता है कि मेरा बूरा वक्त चलता हैं,
कोई काम में सफलता नहीं मिलती,
यदि वक्त अच्छा हो तो सबकुछ
अपने आप ठीक हो जाता हैं,
लेकिन यह सोच बिल्कुल सही नहीं है,
क्योंकि यदि हमें सबकुछ अच्छा चाहिए
तो हमें वक्त के साथ चलना चाहिए होगा,
जो लोग वक्त की कद्र नहीं करना जानते
उसे वक्त बहुत बड़ी शिकस्त देता है,
वो वक्त से इतनाबिछड़ जाते हैं
कि सम्भलना शाय़द मुश्किल हो जाता हैं,
इसीलिए वक्त आने पर जो सम्भल ग ए ,
वक्त या बूरे वक्त में भी महेनत और आत्मविश्वास को अपना हमसफर बना लिया,उसका,
बूरा वक्त कब आया और चला गया,
ये पता भी नहीं चलता,
वक्त बदले ,ना बदले,
इन्सान को रंग नहीं बदलना चाहिए ,
इन्सानियत बनाएं रखनी चाहिए।
स्वरचित डॉ दमयंती भट्ट।