चाहा नहीं कभी, की वो दूर हो मुझसे।
साथ जीने को भी,खुलेमन से कहां-कह पाया।।
#पीड़ा_मन_की
#तृप्ती_अंतस_की
#मनभावना
#स्वप्नपरी
#सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Sorry by सनातनी_जितेंद्र मन : 111762556

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