मिट्टी से भी यारी रख,
दिल से दिलदारी रख.
चोट न पहुंचे बातों से,
इतनी समझदारी रख.
पहचान हो तेरी हटकर,
भीड़ में कलाकारी रख.
पलभर ये जोश जवानी का,
बुढ़ापे की भी तैयारी रख.
दिल सबसे मिलता नहीं,
फिर भी जुबान प्यारी रख.
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-SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》