इश्क़ का ख्याल है
और ख्याल में है इश्क़
मत पूछो मेरे यार
किस हाल में है इश्क़
रुँह की चौखट से उतर
जिस्मो तक महदूद है इश्क
कलाम-औ-खवाबो से
कौसो दूर आ गया है इश्क
एक वदनूमा दाग बन के
जहनौ में पैवस्त हो गया इश्क
असरात-औ-मायने खो चुका
मजबूर हुस्न पर जुर्म ढाता इश्क
हर गली-बाझार-कूचौ पर
सुबह-शाम नीलाम होता है इश्क
ओर तो ओर कोख के बयोपार
में भी खरीद-फरोख्त होता है इश्क
रब की सब से महबूब दौलत
आज खौटे सिकके-सा बना है इश्क
-Rooh The Spiritual Power