तुम्हें याद है वो पल
जब
हम मिले थे?
उस
ख़्वाब में
तुमने चाय पिलाई थी |
खुद लेकिन ठेले पर गए थे
चाय पीने के लिए |
बिना मेरे
मुझे
उस अनजान दुनिया के
अनजाने से कमरे में
अकेले छोड़ कर
तुम
चाय पीने चले गए थे |
फैली रह गई है तुम्हारी मुसकुराहट की खुशबू
ख़्वाब में भी
और
इस दुनिया में भी |
इतने ही हो तुम मुझ में
सारे के सारे...
A.M.P.