शरण तुम्हारी शरण-
शरण तुम्हारी शरण।।
हे बांके नयन, हे करिबर बदन,
हे राधा रमण, हे गिरधारी।
शरण तुम्हारी शरण-
शरण तुम्हारी शरण।।
हे गोपीकान्तं, हे नटवर मोहन,
हे दीनबंधू, आया अशरण-शरण।
शरण तुम्हारी शरण-
शरण तुम्हारी शरण।।
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