My Wonderful Poem..!!!
चाहे कितनी भी कोशिश कर
लुँ तुम्हे लफ्ज़ोंमें समेटनेकी
चाहे कितनी भी कोशिश कर
लूँ रंदीप क़ाफ़िऔमें बाँधनेकी
चाहे कितनी भी कोशिश कर
लुँ तुम्हें ख़यालोंमें सजानेकी
चाहे कितनी भी कोशिश कर
लुँ बारिशी बूँदोंमें पानेकी
पर जीदगीं वो जिंदगी ही क्या
जो लफ्ज़ोंमें बयाँ हो जाये
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