हम शायद धरती के इतिहास में सबसे बड़ी भूल करते जा रहे हैं . अपने स्वार्थ के लिए पर्यावरण का क्रूरता से दोहन कर रहे हैं . अपने भौतिक सुख के लिए वायुमंडल में निरंतर ग्रीनहाउस गैस भेज रहे हैं . कहीं ऐसा न हो कि ऐसे में हम पर्यावरण की सहन शक्ति की सीमा पार कर निकट भविष्य में किसी भयानक आपदा को निमंत्रण दे रहे हैं .