प्यासी है रूह , इन्तजार ए अलम खास है
रेगीस्तानी लिबासकी रिस्तेदारी खास ही है
तपीश है दिल की, अश्कों की भीड़ देखिए,
बीरहाना आलम की, रिस्तेदारी खास ही है
छुपकर वार ना करना , गुमसुदा क्युं जिंदगी ?
दिल ए नूर रंगीनियां ,रिस्तेदारी खास ही है
वक्त के साये में ,बुन ली है चदरियाँ दिल की,
रूहानीयत का पैगाम , रिस्तेदारी खास ही है
-મોહનભાઈ આનંદ