एक बार ही सही तुम्हें जोरो की गले लगाऊं
रो-रो कर ही सही सारी अपनी बात बताऊ।।
थोड़ी सी हंसी तुझे देखकर खुद मे मुस्कुराऊ
तुम मेरे हो, ना जाना कही बात तुम्हें समझाऊ ll
सजदा तेरे इश्क का मैं हर रोज करवाऊ
बार बार तसबीरो को देख खुद में गुनगुनाऊ
कभी चांद को कभी सितारों को तेरी दास्तां सुनाऊ ll
मोहब्बत कुछ युं है तुझसे अब,
तुझमे ही सारी अपनी दुनिया बसाऊ ll
ठंडी सी ओश अगर तुम बनो
सर्द हवा मैं भी बन जाऊं
एक बार ही सही तुम्हें जोरो की गले लगाऊ ll
एक झलक पाने के लिए ,ख्वाबों में तुम्हें बुलाऊं
ना आए कभी अगर तुम, किसी बहाने
तुम्हारी गलियों में मंडराऊ ll
तेरे नजर मिलते हैं,कभी खुद में शरमाऊ
तेरे लबों पर हंसी देख, खुद में खो जाऊं ।।
तुम मेरे हो इस बात पर मन ही मन इतराऊ
मैं पागल सी लङकी तुम्हें अपने सपने में कभी सजाऊं।।
कभी बारिश हो तो तेरे सगं, मन ही मन
खुद को यु नचाऊ,
एक बार ही सही जोरों की गले लगाउ।।
-maya