युवाओं का जीवन
पहले का युवा वर्ग मीटी की तरह था
जैसे चाहो वैसे मूड जाता था,
लेकिन आज का युवा वर्ग रेत की तरह है
जितना भी हाथों से पकड़ो फिसल हीं जाता है
आज के युवाओं को सबकुछ जल्दी पा लेना है
इसलिए कभी कभी गैरकानूनी काम की तरफ भी चले जाते है प्यार,धोखा,झूठ,नशा,लडाई-झगड़ा ये सब तो रोज का हो गया है जैसे उनके लिए।
-Parmar Sadhna