My Sorrowful Poem...!!!
कल एक पुलिस ओफिसर देखा
गोंद में बच्चा सर पे दस्ता उठाए
सुने रास्ते पे चली जा रही थी माँ
पास जा कर पुँछा कहा जाओगी
बोली राजस्थान पेंदल ही पेंदल
सुन ओफिसर का हिल गया दिल
पुँछा खानेंको हैं क्या बोली बिस्कुट
कब से नही हो खाई बोली तीन दीन
फिर पुछाँ पास पैसा है क्या बोली नही
दहल गया दिल ओफिसर का बुलाया
दुकानदार खुलवा कर दिलाया राशन
माँ साथ चल रहे सारें बाराह साथी को
दुविधा हुई यही कि सेल्यूट माँ को करे
या ओफिसरको या कोरोना वाईरस को
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