वक़्त के साथ इन्सान भी बदलते हैं....जो हम नहीं चाहते वहीं वे करते हैं।।
हम तो इश्क के समंदर में डूबने को भी तैयार थे...पर वो तो पैर रखने से भी डरते हैं।।गैरों से करते हैं जितनी महोब्बत उतनी हमसे क्यों नहीं?...शायद वो हमारे दिल को महज एक कांच का खिलौना समझते है...।।राधे राधे...।।