हमारी संस्कृति नहीं है कि
प्रकुति अनमोल स्त्रोत का
त्योहार के नाम पे हनन करे,
हमारा धर्म हमारी संस्कृति
प्रकुति की पूजा करती है
प्रकुति का जतन करना शिखाती है,
प्रकुति के हर अंश को ईश्वर मानती है
हमारी संस्कृति में तुलशी को पूजा जाता है
पीपल की पूजा की जाती है,
धतूरे के फूल को शिवजी को
भाव से अर्पित किया जाता है
ना में ईसाई, ना आप ईसाई
तो फिर ये कैसी है बधाई
जो प्रकुति का हनन करे
वो हमारा त्योहार नहीं हो सकता है
मुजे कोई मित्र प्रकुति हनन की
बधाई ना दे, या किसीको भी ना दे..
आज मौन एकदशी है, श्रीमद्भगवद्गीता
का अवतरण दिवस है, उसे मनाए...
क्रिसमस ट्री का फायदा क्या है वो बताए
खुद की खुशी के लिए, कोई क्रूप्रथा के लिए
प्रकुति का हनन अपराध है,
जिस त्योहार में आनंद हो, ताल हो
वो त्योहार हम मनाएंगे,
जिस त्योहार में ना ताल हो,
वो नाताल क्यो मनाए..??
आज के ये त्योहार को
हम नए अध्याय से जोड़ेंगे...
ईस दिन को हम तुलशीपुजन का
त्योहार के रूप में हर साल मनाएंगे.. !!
#आर्यवर्त