My Meaningful Poem...!!!
यारों ताउम्र बस एक यही
सबक को याद रखिए
पवित्र इश्क़-औ-इबादत में
नियत को साफ़ रखिए
ख़्वाहिशें तो सभी ज़हन में
पर दिल मिज़ानमें रखिए
चादर चाहे कितनी ही लम्बी
पाँव पर चादर में रखिए
दौलत भी तो नशे का सबब है
बात यहीं ध्यान में रखिए
आज दो गज दूरी है मजबूरी
पर फ़ोन सम्पर्क में रखिए
कसौटी आज रिश्तों की है
दया व्यवहार में रखिए
कोरोनावायरस हो या ना हो
वैक्सीन लिस्ट में रखिए
ख़ून-ओ-प्लाज़्मा देना पुण्य है
इसे दे के जाँ सुँकूमें रखिए
अनदेखी शक्ति हमें देख रहीं हैं
यक़ीन उस पे पुख़्ता रखिए
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