पुराणों के अनुसार राजा दशरथ पूर्व जन्म में स्वायम्भु मनु थे। जबकि माता कौशल्या पूर्व जन्म में स्वायम्भु मनु की प|ी शतरूपा थी। दोनों ने भगवान विष्णु को पुत्र रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु प्रकट होकर जब वरदान मांगने के लिए कहा तो स्वंयम्भू मनु और शतरूपा ने भगवान से वरदान स्वरूप भगवान विष्णु को पुत्र रूप में पाने की इच्छा जताई।
भगवान विष्णु ने उन्हें वरदान देते हुए कहा कि त्रेतायुग में आप दोनों अयोध्या के महाराजा और महारानी बनेंगे। आपदोंनो के पुत्र के रूप में रामचंद्र मेरा सातवां अवतार होगा। इसी वरदान को पूरा करने के लिए भगवान राम दशरथ और कौशल्या के पुत्र के रूप में जन्म लिए। राजा दशरथ ही कृष्ण अवतार के समय वासुदेव और कौशल्या देवकी बने थे। कैकेयी ने राम से कहा था कि तुम मेरे मैं तुम्हें अगले जन्म में पुत्र रूप में प्राप्त करूं, इसलिए कैकेयी यशोदा बनीं और उन्हें भी कृष्ण की माता बनने का सौभाग्य मिला।
-Dangodara mehul