. रावण के 10 शीशों के पीछे की कहानी
रावण भगवान शिव का भक्त था. शिक्षा प्राप्त करने के बाद रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए एक गहन तपस्या की. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए, रावण ने अपने सिर को भी काट दिया. हर बार जब उसने अपना सिर काट लिया, तो यह वापस बढ़ गया, जिससे वह अपनी तपस्या जारी रखने में सक्षम हो गया. रावण की इस तपस्या ने शिव को प्रसन्न कर दिया और उन्होंने उसे दस सिर दिए और इस तरह वह पृथ्वी पर सबसे शक्तिशाली प्राणियों में से एक बन गया. रावण के दस सिर चार वेद और छह शास्त्रों का संकेत देते हैं जिसमे रावण को महारत हासिल थी. यह बच्चों के लिए महान महाकाव्य रामायण के बारे में जानने के लिए सबसे अच्छी रामायण कहानियां हो सकती हैं.
-Dangodara mehul