7) कालरात्रि नवरात्रि पर्व की सातवीं शक्ति ➖ 7वां नवरात्रि) कालरात्रि
माता दुर्गा का सातवां रूप है
कालरात्रि ब्रह्मदत्त
नवरात्रि का यह सातवा नवरात्रा है।
है ब्रह्मदत्त।
SHREE Durga Devi
माँ दुर्गाजी की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं।
दुर्गापूजा के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना का विधान है।
इस दिन साधक का मन सहस्रार चक्र में स्थित रहता है। इसके
लिए ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है।
नवरात्रि में दुर्गा पूजा के अवसर पर बहुत ही विधि-विधान से माता
दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-उपासना की जाती है। आइए जानते हैं
सातवीं देवी कालरात्रि के बारे में :-
कालरात्रि की उपासना करने से ब्रह्मांड की सारी सिद्धियों के
दरवाजे खुलने लगते हैं और तमाम असुरी शक्तियां उनके नाम के
उच्चारण से ही भयभीत होकर दूर भागने लगती हैं।
नाम से अभिव्यक्त होता है कि मां दुर्गा की यह सातवीं शक्ति
कालरात्रि के नाम से जानी जाती है अर्थात जिनके शरीर का रंग घने
अंधकार की तरह एकदम काला है। नाम से ही जाहिर है कि इनका
रूप भयानक है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं और गले में विद्युत की
तरह चमकने वाली माला है। अंधकारमय स्थितियों का विनाश
करने वाली शक्ति हैं कालरात्रि। काल से भी रक्षा करने वाली यह
शक्ति है। प्रस्तुतीकरण ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़