करुं वंदना तेरी मां शारदे दोऊ हथ जोड़।
उर के तम हरो दो ज्ञान बहोर ।
लेखनी में शक्ति भरो।
दो अविरल धार।
लेखनी जंग करे और
बन जाए तलवार।
नमन करुं मां शारदे होकर नतमस्तक ।
आशीष दो मां शारदे
देकर हाथ में पुस्तक।
पुस्तकों में सार गर्भित लेखों में लिखूं तेरी महिमा गान।
कोटि-कोटि प्रणाम करुं मां शारदे करुं सदा तेरा जयगान।
जय जय हे मां शारदे
कामना स्वीकार करो देकर शुभ आशीष ।नित नित तेरे द्वार पर मैं नवाऊं शीश।
कोटि-कोटि प्रणाम मां शारदे।
-Anita Sinha