दिनचर्या
पूरे दिन की दिनचर्या का समय निश्चित कीजिए।
सभी कार्य समय बद्ध हो तो हमारी जीवन शैली सही रहेगी।
सुबह-शाम की सैर को दिनचर्या में शामिल कीजिए।फल को नाश्ते में लेना चाहिए। स्नान ध्यान के पश्चात् धर्मग्रंथों को पढ़ने की नियमावली बनाएं। कभी रामायण पढ़िए तो कभी भागवत पाठ किया कीजिए।
फिर सुंदर कांड पढ़ने की कोशिश करें। उसके बाद शिव पुराण भी पढ़ने की आदत डालें। परिवार में सभी सुन पाएं ।
जोर जोर से ध्वनि हो
वैसे पाठ किया जाए तो अति उत्तम रहेगा।
ये तो हुई धर्मग्रंथों की बात । अब नियमित रूप से अखबार भी पढ़ें तो बेहतर होगा । दिनचर्या ऐसी होनी चाहिए कि सुबह की शुरुआत का असर पूरे दिन रहे। जानकारी वर्धक आयुर्वेद चिकित्सा की किताब भी पढ़ सकते हैं।
योगाभ्यास एवं व्यायाम
को भी दिनचर्या में शामिल करने से हम नीरोग रहेंगे।
सकारात्मकता भरे सोच अपनाएंगे। खुशियों को सब मिलकर बांटेंगे।
जीवन सार्थक बनाएंगे।
सबसे अच्छी बात यह है कि सुबह की शुरुआत अच्छी होती है तो पूरा दिन तरोताजा रहते हैं।
-Anita Sinha