खेल इन डोर हो या फिर आऊट डोर।
खेल तो मनोरंजक होता है और आनंद स्फूर्ति देता है।
मैं लूडो की बात कर रही हूं। लोग कहेंगे कि कौन सा पुराना खेल के बारे में चर्चा छेड़ दी है।
लूडो की बात अलग है।
खर्च भी कम। जगह भी अधिक नहीं कैप्चर करता है। लूडो खेलना मुझे अच्छा लगता है इसलिए नहीं । लेकिन लूडो को भूलाएं नहीं। लूडो खेलिए और पारिवारिक एकता बनाए रखिये।
इसमें टैक्टिस की जरुरत नहीं है। बस खूबसूरत समय बिताएं चाय और नमकीन के साथ।
कोरोना अभी गया नहीं है।
तो लूडो खेलिए और शापिंग मॉल एवं बेजरूरत आउटिंग बंद कीजिए।
जिंदगी बेशकीमती है। जिंदगी बचाएं ।
-Anita Sinha