बेटा बेटी को एक समान मान दें। ईश्वर ने बेटा और बेटी दो तरह के जीवन में फूल दिये हैं। दोनों का करें सम्मान। बेटा बेटी है भाई एक समान।गुण से नवाजे गए हैं एक समान। फर्क नहीं करें बेटा और बेटी में।
लिंग विभेद से दूर रहें।
बेटा घर का चिराग है तो बेटी घर का आंगन है जहां चिराग जलाएंगे।
देश को आगे बढ़ाने में बेटा और बेटी दोनों को समान अधिकार की मांग है।
बेटा बेटी के जीवन में नव रंग के नव नव फूल खिलाएं।
दोनों के सुनहरे भविष्य को लेकर सपने देखें।
-Anita Sinha