ये है मतलबपरस्ती की दुनिया।
आज बारुद के ढेर पर सोई है दुनिया।
दुनिया में अगर आए हैं तो
महफ़िल में आना पडे़गा।
खून के घूंट लिखे हैं भाग्य में तो जबरन पीना ही पड़ेगा। मुसीबतों से मुकाबला करने पर कहकहे लगाती है दुनिया।
जरा सी गफलत हो जाए तो क्या खूब हंसती है दुनिया।
शौक से जीवन को जहर बनते देखती है दुनिया।
आज बारुद के ढेर पर सोई है दुनिया।
ये सोचकर दीवानों को पत्थर मारती है दुनिया।
जरा सोचिए क्या ये सच नहीं कि नौजवानों के हौसले तोड़ती है दुनिया।
कसम खुदा की बढ़ी जालिम है दुनिया।
ना जीने देती है दुनिया
और ना मरने देती है दुनिया।
जरा सा भी लक्ष्य से चूक गए तो हार के जामे पहना देगी दुनिया।
यह मत सोचिए यारों कि जीत पर जश्न मनाएगी दुनिया।
सचमुच बड़ी मतलब परस्त है दुनिया।
-Anita Sinha