जला जा रहा है आज हिरण्य कश्यप के स्वाभिमान को,
अहम ए गुरूर हैं जो समाधि दे रहा अमर जीव प्रहलाद को,,
प्रवित्र सा जीवन है जो दे
रहा अग्नि की आहुति मे नारायण को,
मन में अंहकार हैं जो हदन दुआ सरेआम त्योहार के प्रकाश को,,,
हर कोई दुआएं करे उस प्रवित्र ज्योति के आमने दुख मिटाने को, आज होली है जो छुपी है सारी दुनिया में होलिका जैसे परिणाम को....
❣Dear Zindagi 2❣