My Meaningful Poem ....!!
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*प्रशंसा से पिघलना नही"
"आलोचला"से उबलना नही"
“निस्वार्थ भाव से "कर्म" कर*🔥🌿
🌿🔥 *क्योकि ...!!🔥🌿
“इस "धरा" का इस "धरा" पर ही “
“सब "धरा" का “धरा”रह जायेगा”
“जैसा आया था वैसा ही तुं जायेगा*
“कमँ की करनी मायने यहाँ”
“कुछ नहीं रखती तेरी नज़र में”
“पर प्रभु की नज़र 🧿 में तो वहाँ “
“बस वही सिक्क-ए-चलन होगा “
“जिससे तेरी वहाँ की जीदगीं का“
“फ़ैसला प्रभुजी की कोर्ट में होगा”
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