#हम मनमौजी थे
हम मनमौजी थे
मन की मौज करते थे
जो चाहते वों करते थे
नही किसी से डरते थे
हरदम साथ हम रहते थे
जैसे एक दूजे के लिए ही
हम बने थे
नही रास आती थी
एक पल की भी दूरी
लिये हाथों में हाथ
करते थेनगरी की फेरी
शायद यही बात
लोगों को खल गई
और हमारी कहानी
रह गई अधूरी
-Vaishnav