हाथ में चाय की प्याली हो
साथ में उसे पिलाने वाली हो
बातें हों दिनभर की और
साथ में शाम सुहानी हो
बकबक करती बातें उसकी
मन की थकान मिटाने वाली हो
वाणी का माधुर्य घुलता कान में
चाय की मिठास बढाने वाली हो
अधरों से निकलती मधुर मुस्कान
ह्रदय में अहसास जगाने वाली हो
आशा ऐसी चाय की प्याली हो
साथ में ऐसी ही पिलाने वाली हो।।
-आशा झा Sakhi