My Truthful Poem...!!!
❣️*खुशियाँ कम और अरमान
बहुत हैं ।*❣️
❣️*जिसे भी देखिए परेशान
बहुत है ।*❣️
❣️*करीब से देखा तो निकला
रेत का घर ।*❣️
❣️*मगर दूर से तो इसकी शान
बहुत है ।*❣️
❣️*कहते हैं सच का कोई
मुकाबला नहीं ।*❣️
❣️*मगर आज झूठ की पहचान
बहुत है ।*❣️
❣️*मुश्किल से मिलता है शहर
में आदमी ।*❣️
❣️*यूं तो कहने को इन्सान तो
बहुत हैं।❣️
❣️*प्रभु को तो चाहनेवाले तो
बहुत ही है ॥*❣️
❣️*पर प्रभुजी ख़ुद जिसे चाहे
एसे जवाँमर्द कम है ।*❣️
✍️🥀🌹❣️❣️🙏❣️❣️🌹🥀✍️