हंसवाहिनी मैय्याऽ,हे वीणावादनी मैय्याऽ.
गावें तेरो यश "दास जानकी",हे मैय्या हम सब उतारें तेरी आरती.!
झूठ कपट पाखंड लोभ,है पसरा चहुँ दिश भारी.
जन-मानस से दूर करो,फैला के ज्ञान उजियारी.
हृदय विराजो मैय्या, तेज बढ़ाने वाली..
कंठ को साजो,हे स्वरदायिनी..हे मैय्या..
नहीं जानते जप तप पूजा,न जाने मंत्र कोऊ मां.
शब्द-2-कण-2 में रहती,बिनती मेरी सुनो माँ.
भाग्य जगाने वाली,कृपा बरसाने वाली,
शरण में राखो, हे वरदायिनी..हे मैय्या..
🙏क्रमशः..✍️
-सनातनी_जितेंद्र मन