व्यवहार में व्यापार या,व्यापार में व्यवहार हौ..
हाँ भैय्या इहे,सोशल मीडिया के बाजार हौ..
वैसे बातें बड़ी दुर्लभ-सारगर्भित होती हैं यहाँ पर...
तो कुछ अनर्गल प्रलाप भी होते हैं...जिनमें..
कुछ हैं बड़े संगीन तो कुछ हैं बड़े गमगीन।
कुछ हैं बड़े बेरोजगार तो कुछ हैं बड़े दिलदार..
कुछ बुद्ध-शुद्ध हैं कुछेक लेखन में प्रवीण।
कुछ कहने में समीचीन तो कुछ समझने में तल्लीन...
आरोप-प्रत्यारोप का संसार है, हर बात कहना भी बेकार है।
गज़बे भौकाल हौ, भावनाओं का अकाल हैं.....
हां भैय्या हाँ इहे सोशल मीडिया के बाजार हा। 🙏
-सनातनी_जितेंद्र मन