सबको चाहिए पूर्ण समर्पण
पर देना चाहे कोई नहीं
सब कहते तुम मेरी बन जा,
मैं तेरा बन जाऊं ऐसा कहता कोई नहीं।
सब कहते तुम खुद बदलो मेरे लिए
मैं बदलूं तेरे लिए ऐसा कहता कोई नहीं।।
मैं-मैं में भटक रहा,हम बनना चाहता कोई नहीं।
सबको चाहिए पूर्ण समर्पण
पर देना चाहे कोई नहीं।।
-Ambika Jha