#_पागल___
बिछड़ के मुद्दातों बाद मिला वो ,
लगकर गले बहुत रोया पागल ,
इक अरसे से मिलने की आश में ,
आंखों से समन्दर बहाया पागल ,
कमरे के सन्नाटे में खामोश बैठ के ,
दास्तान शब्दों में फिरोया पागल ,
एक धुन दिल की सुन बुन बुन के ,
प्यार का नग्मा गुनगुनाया पागल ,
ज़माने में तेरे नाम से मशहूर हुआ ,
तेरे नाम संग नाम लगाया पागल ,
कोशिश की तुम्हें तुमसे चुराने की ,
जीत हासिल न कर पाया पागल ,
अब खुश है वो तुम्हे खुश देखकर ,
खुद को बहुत समझाया पागल ,
गुम ही रहता है अपनी तन्हाई में ,
न इश्क का रोग लगाया पागल ,
यूं काफी लम्बी कहानी है उसकी ,
अभी इतना ही बताया पागल ,
बहुत पूछने पर कुछ बोला नहीं ,
बातों को फिर घुमाया पागल ,
#poetryofsjt