*जैसे कि अकेलापन और एकांत में फर्क है*
*ठीक उसी तरह बहुत बुद्धि वाले और पागल में एक गुण एक समान मिलता है और वो है दोनों किसी की भी बात सुनते नहीं जेसे की हम*
*ठीक समझने वाले ठीक समझेंगे और कुछ नहीं समझने वाले शायद पागल तो जरूर समझेगा पागल कहेना आसान है पर साबित करना बहुत मुश्किल है*
*जो हंसता नहीं वो भी तो पागल ही हो सकता है*
*सुबह का वंदन स्विकार करे*
🙏 जय श्री राधा माधव🙏