तेरे जलवो के इलावा क्या है
यहां खतरों के इलावा क्या है
तू मेरे सफेद बालों से नाराज है
ये सिर्फ बालो के इलावा क्या है
उजालो में जो आंखे बंद करली
तो अंधेरो के इकावा क्या है
दोस्त तू ही मेरी मिल्कियत है
मेरे पास तेरे इलावा कया है
जो पैगाम खुदा का लेके आया है
उसके पास फकीरी के इलावा क्या है
रजनेश बहुत बड़ा है तू शहर में
मगर गाव में बाप के इलावा क्या है
-Rajnesh Rathod