किसी ने क्या खूब कहा है इश्क सच्चा वही जिसमे मिलती नही मंज़िलें ।
अब आप प्यार शब्द व इसके पर्यायों को ही देख लीजिए प्रेम प्रीत इश्क व मोहब्बत इन सभी शब्दों में कुछ समानता है और वो है इनका अधूरापन। जब प्यार शब्द व इसके पर्याय अधूरे है तो प्यार पूरा कैसे हो सकता है।
एक लडका और लडकी जो पैदा साथ हुए। दोनो के नाम एक जैसे, दोनों पढे़ एक साथ, दोनौ की नौकरी भी साथ ही लगी और दोनों की मृत्यू भी साथ ही हुई।
ये कहानी है सूरज सिंह और सूरज कंवर की। दोनों का जन्म एक ही गाँव में हुआ । दोनों के माता पिता भी अच्छे मित्र थे।जब दोनों साथ चलते तो दोनों की जोड़ी देखते बनती थी। दोनों में खटपट बहुत होती थी । दोनों एक दूसरे को कॉपी कैट कहकर चिढाते थे । क्योंकि दोनों पढाई में भी अव्वल थे और खेलकूद में भी । ऐसे ही समय बीतता गया और अब दोनों ही सेना में कमांडो बन चुके हैं । दोनों की सगाई भी हो चुकी है । दोनों ही कश्मीर में कार्यरत हैं । एक दिन कुछ आतंकवादियों ने सेना कैंप पर हमला कर दिया ।उन दोनों ने अपनी अपनी टुकडियों के साथ हमला बोल दिया । दोनों तरफ से बंदूकें चलने लगी । ऐसा लगा जैसे सभी आतंकवादी मारे गए । परंतु कभी कभी दुश्मन को हल्के लेना भी घाटे का सौदा बन जाता है । दोनों कमांडो लाशों की शिनाख्त कर ही रहे थे कि अचानक एक आतंकी उठा और दोनों कमांडो के उपर गोलियां दाग दी परंतु हमारे दोनों कमांडो ने राइफल से उस आतंकी को छाती छलनी कर दी। और दोनों वहीं लेट गए । फिर हमारे दोनों सूरज एक साथ अस्त हो गए ।
सृष्टि तिवारी
-srishti tiwari