रहना था तुमसे दूर, और
तुमसे ही से दिल लगा बैठे।
जो नहीं करना था वहीं कर बैठे।।
सोचा था नहीं करेंगे प्यार का इज़हार, और
तेरा सामने आजाने पर अपनी पलकें झुका बैठे।
जो नहीं करना था वहीं कर बैठे।।
खुद को बोहोत रोका नहीं चाहें तुम्हें, और
ऐ दिल है कि तुम्हें अपनी बंदगी बना बैठा।
जो नहीं करना था वहीं कर बैठे।।
कुछ पल क्या बिताए हंसकर तुम्हें, और
हम है कि तुम्हें अपनी खुशी बना बैठे।
जो नहीं करना था वहीं कर बैठे।।
तुम तो आए थे मेरे जिंदगी में मुसाफिर बनकर,
हमने तुम्हें अपनी जिंदगी का हमसफर बना बैठे।
जो नहीं करना था वहीं कर बैठे।।
तेरा और मेरा साथ मुकद्दर में था हीं नहीं,
फिर भी तुम्हें अपनी किस्मत बना बैठे।
जो नहीं करना था वहीं कर बैठे।।
किसी और का किस्सा हो तुम,
फिर भी तुम्हें अपना हिस्सा बना बैठे।
जो नहीं करना था वहीं कर बैठे।।
-Vaishali Rathod